#हनुमान जी प्रतिमा
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helputrust · 5 months ago
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28.05.2024, शाहजहांपुर | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री पंकज अवस्थी ने हनुमत धाम, शाहजहांपुर में प्रभु श्री के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया तथा सभी देशवासियों की सुख एवं समृद्धि हेतु प्रार्थना की | 
हनुमत धाम शाहजहांपुर में बिसरात घाट पर खन्नौत नदी के बीचों-बीच स्थित है । यहां पर 104 फुट ऊंची हनुमान जी की विशालकाय मूर्ति स्थापित है । हनुमत धाम का निर्माण शाहजहांपुर के विधायक श्री सुरेश कुमार खन्ना, माननीय वित्त मंत्री, उत्तर प्रदेश ने उस समय करने का संकल्प लिया था जब वे पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बने थे । ऐसा माना जाता है कि यह भारतवर्ष में हनुमान जी की सबसे बड़ी प्रतिमा है |
इस अवसर पर हनुमत धाम मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री विनोद अग्रवाल जी की गरिमामयी उपस्थिति रही |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि "हनुमत धाम की यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं बल्कि हमारा ऐसा मानना है कि पवन पुत्र हनुमान जी की कृपा से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के समाजसेवा के कार्यों को भी एक नई दिशा और गति मिलेगी तथा हम समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफल होंगे |
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indlivebulletin · 9 days ago
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वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी ने 51 फुट ऊंची भगवान हनुमान की प्रतिमा का किया अनावरण
वाराणसी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान रविवार को यहां हवाई अड्डा मार्ग स्थित हरहुआ के काजीसराय क्षेत्र में 51 फुट ऊंची हनुमान ��ी की प्रतिमा का अनावरण किया। रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसारप्रतिमा अनावरण के बाद मुख्यमंत्री ने परिक्रमा करते हुए विधि-विधान से बजरंगबली की पूजा-अर्चना की। जय हनुमान श्री पीठ ट्रस्ट द्वारा स्थापित इस भव्य…
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astroclasses · 22 days ago
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bikanerlive · 2 months ago
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जोशीवाड़ा में आज गणेश प्रतिमा का विसर्जन से पूर्व भव्य आरती की गई
बीकानेर। 17 सितंबर। जोशीवाड़ा स्थित हनुमान मंदिर में चल रहे गणेश महोत्सव समारोह के अंतिम दिन आज अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान श्री गणेश का पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर जोशीवाड़ा मोहल्ले के सैकड़ो महिलाएं पुरुष एवं बच्चे उपस्थित थे। आरती के अवसर पर पूर्व पार्षद एवं हनुमान मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रेम रतन जोशी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संतोष जोशी गौरीशंकर जी व्यास अंतर्राष्ट्रीय साइकिलिस्ट…
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jyotishgher · 7 months ago
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हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर किय गए उपाय विशेष फल प्रदान करते हैं। इस युग में हनुमानजी की पूजा सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है। जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने वाले यह उपाय अवश्य आजमाएं -
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हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
* हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिर की छत पर लगाइए लाल झंडा और आकस्मिक संकटों से मुक्ति पाइए।
* तेज और शक्ति बढ़ाने के लिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, रामायण, राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
* हनुमान जन्मोत्सव पर और बाद में साल में एक बार किसी मंगलवार को अपने खून का दान करने से आप हमेशा दुर्घटनाओं से बचे रहेंगे।
* धन प्राप्ति का उपाय -
हनुमान जन्मोत्सव के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान करके लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद किसी हनुमान मंदिर में जाएं और उनकी प्रतिमा के सामने चमेली के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद किसी पात्र में सिंदूर लेकर उसमें चमेली का तेल मिला लें और हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। इसके बाद हनुमान जी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और उनकी दोनों भुजाओं पर केवड़े का इत्र छिड़के। अब इसके बाद एक साबुत पान का पत्ता लें और भलिभांति देख लें कि पत्ता कहीं से भी कटा-फटा न हो, अब इसपर चना और गुड़ रखकर हनुमान जी को भोग लगाएं। धन प्राप्ति और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यह उपाय बहुत कारगर माना जाता है।
* धन की किल्लत से बचने का उपाय -
यदि आपको बार-बार धन हानि का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण आप धन के संकट से जूझ रहे हैं तो पीपल के वृक्ष का एक पत्ता लेकर उसे गंगाजल से पवित्र करके हनुमान जी के चरणों में रख दें। इसके बाद अपने मन में प्रार्थना करें और उस पत्ते पर केसर से श्री राम लिख दें। जब लिखा हुआ सूख जाए तो पत्ते को अपने पर्स में रख लें। मान्यता है कि इससे आपका पर्स हमेशा पैसों से भरा रहता है लेकिन ध्यान रखें कि अपने पर्स को कभी गंदे हाथों से न छुएं।
* धन लाभ के लिए -
हनुमान जन्मोत्सव के दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जलाकर प्रणाम करें और बिना पीछे देखे वापस घर आ ज��एं। इसके बाद हनुमान जन्मोत्सव से लेकर लगातार सात मंगलवार तक इस मंत्र का मन ही मन जाप करते रहें।
'जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरु देव की नांई'
ध्यान रहे, इस उपाय को गुप्त रूप से ही करना चाहिए। इससे आपको आश्चर्यजनक धन लाभ होता है और भगवान हनुमान आपकी हर संकट से रक्षा करते हैं।
* शत्रुओं से रक्षा के लिए -
यदि आपको हर समय कोई अंजान भय सताता रहता है या आप शत्रुओं से परेशान हैं तो हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी के समक्ष 108 बार हनुमान चालीसा और 108 बार संकट मोचन का पाठ करें। ध्यान रखें कि यह कार्य आपको रात 9 बजे के बाद और 12 बजे से पहले करना है। यदि आप यह कार्य अकेले पूरा नहीं कर सकते हैं तो अपने परिजनों के साथ मिलकर पाठ पूर्ण कर सकते हैं। इससे प्रसन्न होकर हनुमान जी आपकी हर संकट और शत्रुओं से रक्षा करते हैं।
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो ।।
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hindunidhi · 7 months ago
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हनुमान जयंती: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो भगवान राम के परम भक्त और हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं। हनुमान जी को शक्ति, साहस, बुद्धि और विजय का प्रतीक माना जाता है।
हनुमान जयंती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हनुमान जी का जन्म भगवान शिव और माता अन्जना के पुत्र के रूप में हुआ था। इसलिए, यह त्योहार हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
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हनुमान जी हिंदू धर्म में भक्ति और शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। उन्हें मारुति, पवनपुत्र और संजीवनी बूटी का दाता कहा जाता है। वे भगवान राम के भक्त थे और उनके सेवक के रूप में अवतरित हुए थे। उनकी अद्भुत शक्तियों, वीरता और वचनवद्धता की कथाएं हर किसी के मन में गहरी छाप छोड़ती हैं।
हनुमान जयंती के दिन भगवान हनुमान की पूजा, अर्चना और भजन-कीर्तन किया जाता है। लोग मंदिरों में जाकर उन्हें प्रणाम करते हैं और उनके चरणों में प्रार्थना करते हैं। इस दिन लोग भजन गाते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।
हनुमान जयंती के दिन लोग अनेक धार्मिक कार्यों का आयोजन करते हैं। सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं और दरिद्रों को भोजन और वस्त्र वितरित करते हैं। यह त्योहार भक्ति, समर्पण और सेवा के भाव को बढ़ावा देता है।
इस दिन के अवसर पर हमें हनुमान जी के अद्भुत गुणों को याद करना चाहिए और उनके मार्गदर्शन में चलना चाहिए। उनकी शक्ति, साहस और निष्ठा को अपने जीवन में शामिल करके हम सच्चे भक्त बन सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्�� कर सकते हैं।
तिथि:
हनुमान जयंती हर साल चैत्र पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस साल, हनुमान जयंती 2024, 23 अप्रैलको मनाई जा रही है।
शुभ मुहूर्त:
प्रातः काल पूजा: 5:30 ए.एम. से 7:30 ए.एम. तक
अपराह्न पूजा: 12:15 पी.एम. से 1:30 पी.एम. तक
पूजा विधि:
स्नान और वस्त्र: प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
मंदिर की स्थापना: घर में भगवान हनुमान की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें।
स्नान और श्रृंगार: भगवान हनुमान की प्रतिमा को स्नान कराएं और उन्हें सिंदूर, चंदन, फूल और माला से सजाएं।
दीप प्रज्ज्वलन: घी या तेल का दीपक जलाएं और धूप जलाएं।
भोग: भगवान हनुमान को उनकी प्रिय चीजें जैसे कि लाड्डू, फल, और पान का भोग लगाएं।
आरती: हनुमान चालीसा का पाठ करें और आरती गाएं।
प्रार्थना: अपनी मनोकामनाओं को भगवान हनुमान के सामने प्रार्थना करें।
महत्व:
हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है।
भगवान हनुमान को भगवान राम का परम भक्त माना जाता है।
हनुमान जी को शक्ति, साहस, बुद्धि और विजय का देवता माना जाता है।
हनुमान जयंती के दिन भक्त भगवान हनुमान की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें:
हनुमान जयंती के दिन लोग लाल रंग के कपड़े पहनते हैं।
कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
कुछ लोग हनुमान जयंती के दिन मंदिरों में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।
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astrovastukosh · 9 months ago
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, छात्रों के कमरे के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे उनकी पढ़ाई में फायदा हो और एकाग्रता बनी रहे। ये हैं कुछ सुझाव:
कमरे की दिशा:
सबसे उत्तम: ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) या पूर्व दिशा। इससे ज्ञान की देवी सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है।
अच्छी: पश्चिम या पश्चिम-दक्षिण दिशा। इन दिशाओं में भी मन पढ़ाई में लगता है।
बचें: दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा। इन दिशाओं में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होने से एकाग्रता भंग हो सकती है।
पढ़ाई करते समय दिशा:
मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
अन्य सुझाव:
टेबल: वर्गाकार या आयताकार टेबल का इस्तेमाल करें। दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें।
किताबें: दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें।
रंग: दीवारों पर हल्के और शांत रंग ��ैसे हरा, नीला या पीला रंग कराएं। गहरे रंगों से बचें।
सफाई: कमरा हमेशा साफ-सुथरा रखें। अव्यवस्था एकाग्रता भंग करती है।
हवा-प्रकाश: कमरे में अच्छी हवा-प्रकाश का प्रबंध करें। प्राकृतिक हवा और रोशनी मन को तरोताजा रखती है।
पूर्वजों के चित्र या देवी-देवताओं की तस्वीरें: पूर्व या उत्तर दिशा में लगा सकते हैं।
कांटेदार पौधे और नकारात्मक चीजें: कमरे में नहीं रखें।
टेबल लैंप: दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। टेबल लैंप की रोशनी तेज न हो।
अध्ययन का समय: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह सूर्योदय से पहले का समय) या शाम का समय पढ़ाई के लिए उत्तम माना जाता है। देर रात तक पढ़ने से बचें।
स्टडी रूम में टेबल पर पढ़ाई की सामग्री के अलावा ग्लोब या पिरामिड रखना शुभ माना जाता है. इससे बच्चे की पढ़ाई में रुचि बढ़ती है. इसी तरह स्टडी रूम में मां सरस्वती, मां शारदे और गणेश जी, हनुमानजी की प्रतिमा जरूर लगाएं. इससे बच्चे की एकाग्रता बढ़ती है.
स्टडी रूम में अलमारी को पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ होता है. बच्चे को प्रतिदिन सुबह शाम हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए कहें. साथ में गायत्री मंत्र का जाप करने को बोलें. इससे बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है.
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ykpurohit · 2 months ago
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Dear sir ..
good morning ..
मित्रों दो रोज पहले मैंने बाबा रामदेव जी पीर धाम की यात्रा का जिक्र किया आप के साथ और उस जिक्र में श्रम, सेवा और स्वाद की संस्कृति के सन्दर्भ में आप से साझा किया मेरी यात्रा अनुभूति को ! आज भी वही अनुभूति श्रम, सेवा और स्वाद की संस्कृति की प्रतिकृति ( नक़ल ) मुझे बाबा पूनरासर धाम बीकानेर की पद यात्रा में भी अनुभूत हुई ! आज की अनुभूति में एक विशेष बात ये रही की तीन कलाकारों की ओ र से ये श्रम सेवा और स्वाद की संस्कृति की प्रस्तुति की गयी पदयात्रियों के लिए उन्हें बाबा पूनरासर ( श्री हनुमान जी महाराज ) के भक्ति भाव से जोड़े रखने में ! तीनो कलात्मक प्रस्तुतियाँ बीकानेर के फोर्ड कार के सर्विस सडेंटर जयपुर रोड स्थित के आस पास ही की गयी फोर्ड कार सर्विस सेंटर के निदेशक श्री देवेंद्र सिंह राजपुरोहित जी के संगरक्षण में सो उन्हें इस आध्यात्मिक कला अभिव्यक्ति के लिए दिए गए संगरक्षण और प्रोत्साहन के लिए साधुवाद !
सेंड आर्टिस्ट वरिष्ठ चित्रकार महावीर रामावत जी ने सेंड आर्ट में प्रथम बार पूनरासर धाम की पदयात्रा पथ पर विशाल सेंड आर्ट में बाबा पूनरासर हनुमान जी का पोर्ट्रेट सिंदूरी मुख के साथ फोर्ड कार के सर्विस सेंटर के ठीक आगे ही बनाया अपनी पूरी टीम के साथ जिसमे डॉ. मोना सरदार , मुकेश सांचिहर , मयंक रामावत , लोक कलाकार मास्टर जयदीप उपाध्याय आदि शामिल रहे ! बाबा पूनरासर जी की मुख प्रतिमा भी पदयात्रियों के लिए विश्राम ��्थल की भूमिका के साथ सेल्फी स्पॉट भी नहीं रही और आगामी दो रोज तक ये इसी प्रकार आध्यात्मिक भाव बिखेरेगी सो इस कलात्मक श्रम के लिए आभार चित्रकार महावीर रामावत जी का !
सेवा का कार्यभार मैंने बतौर कलाकार ,मित्र चित्रकार लालचंद सुथार के लिए संभाला तीन अन्य सेवादारों जिनमे श्री हनुमान जी और दो अन्य साथी शामिल रहे के साथ सेवा रही प्योर दूध की बनी /घरेलु चाय के मसाले की चाय ! जिसे निर्मित किया गया फोर्ड कार सर्विस सेंटर के ठीक आगे जो की करीब 11 0 लीटर दूध की गरम चाय वितरण का कार्य रहा सेवा प्लस श्रम भी , इस उपक्रम में मैंने भी इंस्टालेशन जर्नी ऑफ़ लाइफ के कांसेप्ट को ऑन द रोड इन्सटाल्ड मिल के पत्थर जिसपर कुछ भी लिखा न होने के कारण वो कोरा मिल का पत्थर ही था ! तो मैंने उसे एक आर्टवर्क के रूप में उपयोग लेते हुए उस पर रेडियम स्टिकर के हार्ट शेप डिज़ाइन पेस्ट कर दिये ,पदयात्रा को शांति और प्रेम के लिए पूर्ण करने के सन्देश के साथ कलात्मक श्रम और सेवा देते हुए पदयात्रियों को ! आप मुझे भी आभार दे सकते है मैं सहर्ष स्वीकारूँगा आप का आभार !
स्वाद के लिए आभार जाता है मास्टर चित्रकार लालचंद सुथार के लिए जिन्होंने तन मन और धन से चाय वो भी प्योर दूध की चाय गरम गरम तजि चाय श्रद्धाभाव से बनाई जिसने पदयात्रियों की थकान को मिटाते हुए उन्हें तरो ताजा होने की अनुभूति दिलाई उनकी पदयात्रा में ! सभी ने स्वादिष्ट चाय की चुस्की के साथ बाबा पूनरासर हनुमान जी की जयकार भी गुंजाई फोर्ड कार के सर्विस सेंटर के आगे से गुजरते हुए !
तो करीब 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक का ये श्रम सेवा और स्वाद की संस्कृति का उपक्रम अनवरत जारी रहा जो कल भी इसी प्रकार अनवरत जारी रहेगा !बाबा पूनरासर हनुमान जी की अनुकम्पा से और फोर्ड कार सर्विस सेण्टर के निदेशक श्री देवेंद्र सिंह राजपुरोहित जी के संगरक्षण में। .बोलो पूनरासर बाबे की जय ! यहाँ एक दो फोटो श्रम सेवा और स्वाद की संस्कृति की अनुभूति के आपके अवलोकन हेतु बाबा पूनरासर जी के मेले से !
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you have a great day sir ..
warm regards
yogendra kumar purohit
Master of Fine arts
bikaner,India
DAY 6047
Jalsa, Mumbai Sept 7, 2024/ Sept 8 Sat/Sun 12:43 am
"है ख़ुशी इंतिज़ार की हर दम
मैं ये क्यूँ पूछूँ कब मिलेंगे आप" ~
🙏
Encouraged by the response to my earlier Blog .. by the ones that feel for the presence here on this platform, I find a relevant quote of a 'sher' शेर ..
when there is the joy of waiting each moment ; why should I ask when do we meet
'प्रतिभा का अनुकरण भौंडा होता है . .. कवि का - वास्तव में , प्रत्येक मनुष्य का , अपना ही सत्य इतना मूल्यवान होता है कि उसे दूसरों के सत्य को दुहराने की आ���श्यकता नहीं '
~ a response to a letter from an enthusiast of Babuji , on a subject of following glory .. those that have the learning of a seemed translation of the Hindi may please oblige .. not just for a poet but indeed for each human , their own truth is so valuable , that repeating another's truth is not a necessity ..
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a day filled with reflection .. of thought .. of an evaluation of all that we are .. our deeds, our living our day to day routines and other ..
many feel they have achieved all , in one lifetime .. may they be blessed .. but does one really have the reflect on their achievement .. for , when you reach out to it, you realise there was never an end .. it may well have been the very beginning .. and the distress that sets in is ever the helplessness of the limited time .. yet we all wish for eternity .. चिर आयु भवः ... blessings for an eternal life is what in our culture, we repeat endlessly as a blessing by the elders for the young !!!
Reflection .. is not just what is seen or mirrored ..
My love
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Amitabh Bachchan
🪔 ,
September 07 .. birthday of Ef Sukirti Yashi Verma .. Ef Jay Chauhan .. and .. Ef Satnam Sam Bahra from Canada 🇨🇦 .. 🙏🏻❤️🚩
September 05 .. birthday of Ef Wahab Baloch from Pakistan 🇵🇰 .. 🙏🏻❤️🚩
September 04 .. birthday of Ef Meenu Joshi from Mayanagri Mumbai .. 🙏🏻❤️🚩
September 02 .. birthday greetings to Ef Ashfaq Khatri .. and Ef Mini .. 🙏🏻❤️🚩
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hinduactivists · 10 months ago
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राम मंदिर से अनोखी घटना सामने आई है। प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन शाम के समय में एक बंदर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करके राम प्रतिमा के पास पहुंचा। जिसके बाद वह बंदर बिना किसी को नुकसान पहुंचाए वहां से चला गया। दृश्य ऐसा कि हनुमान जी रामलला के दर्शन के लिए आये हो।
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manishprajapati3311 · 10 months ago
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अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं:
1. मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है।
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
3. मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे।
4. मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।
5. मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप
6. खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
7. मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा।
8. दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
9. मंदिर के चारों ��र चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी।
10. परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा।
11. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा।
12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
13. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।
14. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है।
15. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।
16. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।
17. मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे।
18. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी।
19. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी।
20. मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा।
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newsuniversal-in · 11 months ago
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श्री श्यामनाथ महाराज जी के भंड़ारे में यहाँ उमड़ा जनसैलाब
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बागपत, उत्तर प्रदेश। जनपद बागपत के सिसाना-निरोजपुर रोड़ पर स्थित श्री श्यामनाथ महाराज के चमत्कारी धाम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अखण्ड़ रामायण पाठ और विशाल भंड़ारे का मंगलवार आयोजन किया गया। भंड़ारे में उत्तर भारत के विभिन्न जनपदों से आये सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। - सिसाना-निरोजपुररोड़ पर स्थित श्री श्यामनाथ महाराज जी की समाधि पर हर वर्ष अखण्ड़ रामायण पाठ के साथ होता है विशाल भंड़ारे का आयोजन - श्री श्यामनाथ महाराज नाथ सम्प्रदाय से सम्बन्धित एक महान साधु व संत थे जिनको अनेकों आलौकिक सिद्धियां प्राप्त थी- विनीत चौहान श्री श्यामनाथ महाराज जी महाराज श्री के परमभक्तों में शुमार विनीत चौहान ने बताया कि महाराज श्री मूल रूप से बागपत के ग्राम सिसाना के रहने वाले थे। महाराज श्री के पिता का नाम कलशाराम चौहान और माता का नाम मामकौर था। महाराज श्री 9 भाई व 1 बहन में दूसरे नम्बर के थे। बचपन से ही उनकी धार्मिक कार्यो में विशेष रूचि थी। महाराज श्री ने वर्ष 1971 में 30 से 35 वर्ष की आयु में नाथ सम्प्रदाय से सन्यास की दीक्षा ली। इसके उपरान्त उन्होंने सम्पूर्ण देश का भ्रमण किया और इस दौरान उन्होंने तप के माध्यम से अनेकों सिद्धियां हासिल की। इस दौरान महाराज श्री के महान व्यक्तित्व व ज्ञान से प्रभावित होकर सम्पूर्ण देश में उनके सैकड़ो शिष्य बने। बताया कि 8 नवम्बर 1987 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन पतला, सोनीपत, हरियाणा में महाराज श्री ने देह त्याग किया और अश्विन मास की प्रथम तिथि 9 नवम्बर 1987 को बागपत के सिसाना-निरोजपुर मार्ग पर उनको समाधी दी गयी। बताया कि श्री श्यामनाथ जी महाराज जी सें संबद्ध मुख्य आश्रम गढ़ सरनाई पानीपत हरियाणा में है। बताया कि हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को महाराज श्री की सिसाना-निरोजपुर रोड़ पर स्थित समाधि पर अखण्ड़ रामायण और सतसंग का आयोजन किया जाता है और अश्विन मास की प्रथम तिथि को विशाल भंड़ारे का आयोजन किया जाता है जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों से आये श्रद्धालुगण भाग लेते है। सिसाना गांव के रहने वाले महाराजश्री के शिष्यों में से एक हुकुम सिंह ने बताया कि वर्तमान में महाराज श्री की स��ाधी की देखभाल महाराज श्री के 7 वें नम्बर के भाई व महाराज श्री के परम भक्त ब्रहमपाल जी कर रहे है। समाधि स्थल पर भगवान शिव परिवार, भगवान हनुमान सहित अनेकों देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विराजमान है। गुरू श्री ब्रहमपाल सिंह ने बताया कि महाराज श्री की मुख्य प्रतिमा जयपुर राजस्थान से बनवाकर समाधि स्थल पर स्थापित की गयी है। इस अवसर पर ब्रह्मपाल गुरुजी, विनीत चौहान, पंडित अर्जुन मिश्रा, नेशनल अवार्ड एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन, कृष्णपाल, गौरव, प्रदीप, जोहर सिंह, हुक्म सिंह, बीना, अंजू, वीरदास माई जी निनाना आश्रम, महंत स्वरुप दास जी अध्यक्ष निनाना आश्रम, नरेश चौहान, अंकिता, मिथलेश, टीना सहित सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे। Read the full article
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prakhar-pravakta · 1 year ago
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लायंस क्लब सतना विंध्य ने किया वृक्षारोपण
सतना। लायंस सेवा सप्ताह 2 अक्तूबर से 8 अक्तूबर मे पृथम दिन गाँधी जयन्ती पर सिविल लाइन चौराहा मे स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर गाँधी जी के आदर्शो पर चलने की प्रतिज्ञा ले कर सेवा सप्ताह का प्रारम्भ हुआ द्वितीय दिन मंगलवार को फूड फॉर हंगर प्रसादम् सेमारिया चौक मे संकट मोचन हनुमान जी के मन्दिर मे फल वितरण हुआ तीसरे दिन बुधवार 4 अक्तूबर को वृक्षारोपण किया गया ,सुरक्षित जगह पर वृक्षारोपण आज बगहा मे…
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indlivebulletin · 9 days ago
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वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी ने 51 फुट ऊंची भगवान हनुमान की प्रतिमा का किया अनावरण
वाराणसी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान रविवार को यहां हवाई अड्डा मार्ग स्थित हरहुआ के काजीसराय क्षेत्र में 51 फुट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा का अनावरण किया। रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसारप्रतिमा अनावरण के बाद मुख्यमंत्री ने परिक्रमा करते हुए विधि-विधान से बजरंगबली की पूजा-अर्चना की। जय हनुमान श्री पीठ ट्रस्ट द्वारा स्थापित इस भव्य…
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astroclasses · 10 months ago
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abhinews1 · 1 year ago
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जसोल में देवजुलनी ग्यारस के शुभ अवसर पर जसोल के गवाही तालाब पर भगवान श्री सालगरामजी की रेवाड़ी निकाली गई तथा स्नान कराया गया
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जसोल में देवजुलनी ग्यारस के शुभ अवसर पर जसोल के गवाही तालाब पर भगवान श्री सालगरामजी की रेवाड़ी निकाली गई तथा स्नान कराया गया
जसोल में देवजुलनी ग्यारस के शुभ अवसर पर जसोल के गवाही तालाब पर भगवान श्री सालगरामजी की रेवाड़ी निकाली गई तथा स्नान कराया गया और साथ ही गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित किया गया। ओमप्रकाश मेघवाल संगठन महामंत्री नगर कांग्रेस कमेटी जसोल ने बताया इस मौके पर जसोल सरपंच ईश्वर सिंह जी चौहान के द्वारा एक बड़ी सौगात जसोल के ग्राम वासियों को दी गई जो मुख्य रूप से 400 मीटर लंबी पानी की पाइप लाइन सीधी तालाब में डालकर तालाब में पानी की शुरुआत की उसके लिए एक सराहनीय कार्य किया इसके लिए गांव वासियों ने सरपंच साहब का तहे दिल से स्वागत अभिनंदन किया इस कार्य के लिए सरपंच साहब की सराहना की बहुत-बहुत धन्यवाद भी दिया गया। इस मौके पर गांव के बड़े बुजुर्ग और गांव के 36 कोम के लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया गया जिसमें गांव के मिश्रीमल पालीवाल ,केवल चन्द माली नेताजी चंपालाल पालीवाल , भोमाराम माली, पंडित राजू , महाराज अवस्थी, रमेश अवस्थी, ओमप्रकाश मेघवाल संगठन महामंत्री नगर कांग्रेस कमेटी जसोल, मानक माली, डायाराम लोहार , भगवानाराम ��ालीवाल , उदाराम सुथार, नारायणपालीवाल छगनलालप्रजापत हुकमाराम माली, मूल्तानमल माली, अशोक गहलोत, त्रिलोक प्रजापत, हनुमान राम पालीवाल सहित गांव के कई बड़े बुजुर्ग ,महिलाएं, बालक ,बालिकाएं तथा सभी कौम से पधारे गणमान्य जसोल ग्रामवासी उपस्थित थे
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seowali · 1 year ago
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अनोखा मंदिर! यहां विराजमान हैं एक आंख वाले हनुमान जी, युद्ध से पहले राजा करते थे इसकी परिक्रमा
कृष्ण कुमार/ नागौर. राजस्थान में अपनी संस्कृति और अपने मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. नागौर के शूरवीर राजा कहलाने वाले राजा अमरसिंह राठौड़ के द्वारा नागौर में हनुमानजी के मंदिर का निर्माण करवाया. यह मंदिर हनुमानजी का है, लेकिन इस मंदिर की खास बात ये है कि इस मंदिर में लगी हनुमानजी की प्रतिमा की एक आंख है और यह केवल राजस्थान के नागौर में ही देखने को मिलती है. मंदिर पुजारी विनोद वैष्णव ने बताया…
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